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कबीर का जीवन परिचय pdf

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हमारे देश के इतिहास में कई महान आदर्श और संत आए हैं, जिन्होंने अपने जीवन के माध्यम से समाज को दिशा दी और उनके शिक्षाओं से हमें सही मार्ग पर चलने की मिली। ऐसे ही एक महान संत थे कबीर,जिनकी वाणी और विचारधारा आज भी हमारे समाज में गहरी गहरी जड़ें बनाए हुए हैं। आज हम महान संत कबीर का जीवन परिचय हम इस लेख में देंगे।

कबीर के अनुसार, भगवान की प्राप्ति के लिए श्रद्धा और विश्वास की आवश्यकता है। उनके अनुसार, जब हम पूरी श्रद्धा और विश्वास से भगवान की ओर प्रयत्न करते हैं, तो भगवान हमें अपने पास ले आते हैं।

बचपन और प्रारंभिक जीवन

कबीर का जीवन एक साधना में समर्पित था, और उनका बचपन भी इसी दिशा में शुरू हुआ था। वे जन्म से ही अत्यंत विचारशील और ध्यानात्मक थे। कबीर का जन्म लहरतारा (उत्तर प्रदेश ) हुआ था। उनके पिता का नाम नीरू और माता का नाम नीमा था, और वे नीति-नियम के पुराने पाठक थे।

कबीर का बचपन उनके प्रारंभिक जीवन की एक महत्वपूर्ण धारा था। वे बचपन से ही अपने चर्चे में थे, और ध्यान के माध्यम से आत्मा के अद्वितीय रहस्य को समझने की दिशा में रुचि रखते थे। उनके बचपन का समय विचारों और ध्यान का समय बन गया था, जिससे वे आत्मा के महत्त्व को समझने में सफल हुए।

कबीर की जिन्दगी में बदलाव आया जब एक ज्ञानी संत संत रामानंद जी से मिलने का मौका मिला। उनकी संतता और विचारधारा ने कबीर को धार्मिक रूप से प्रेरित किया और उन्होंने संत मत की ओर अपना कदम बढ़ाया।

कबीर का बचपन उनके जीवन के प्रारंभिक दिनों की एक महत्वपूर्ण चरण था, जिसमें उन्होंने अपने आदर्शों और ध्यान के माध्यम से एक महान संत बनने की दिशा में पहला कदम रखा।

संत कबीर दास के विचार

कबीर आध्यात्मिकता के प्रति अपनी अदृश्य ज्ञान की महत्वपूर्णता को समझाते थे। उनके अनुसार, आत्मा अमर है और यह शरीर के पार जाती है। वह हमें आत्मा की महत्वपूर्णता को समझाते हैं और आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करते हैं।

कबीर के संदेश और विचार आज के समय में भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। आज के दौरे में जहाँ लोग धार्मिक और सामाजिक भेदभाव की ओर बढ़ रहे हैं, कबीर की शिक्षाओं की आवश्यकता है। उनका संदेश हमें समाज में एकता, भ्रष्टाचार के खिलाफ और मानवता की महत्वपूर्णता को समझाता है।

कबीर की भक्ति

कबीर जी का जीवन भक्ति के उदाहरण के रूप में प्रमुख था। वे भगवान के प्रति अपनी अत्यंत भक्ति और समर्पण का प्रमुख प्रतीक थे। उनका मानना था कि भक्ति केवल आराधना और पूजा से ही नहीं होती, बल्कि यह एक आत्मिक और मानसिक संबंध का परिणाम होता है।

कबीर जी ने भक्ति के माध्यम से भगवान के साथ एक मानसिक संबंध बनाने का संदेश दिया। उनके अनुसार, भक्ति बिना किसी मध्यस्थ के होनी चाहिए और यह सिर्फ और सिर्फ भगवान के प्रति प्रेम से हो सकता है। उनके अनुसार, भगवान सभी जीवों में विराजमान हैं और वहाँ कोई भेदभाव नहीं करते। इसलिए, कबीर के अनुयायी भक्ति में विश्वास रखते हैं और वह सभी मानवता के साथ उत्तमता की प्रेरणा लेते हैं।

वे यह सिद्ध करने के लिए कहते थे कि जब कोई व्यक्ति भगवान को अपने मन, वचन, और क्रियाओं के साथ आत्मसमर्पित करता है, तो वह सच्चे भक्ति का अनुभव करता है।

कबीर की भक्ति उनकी कविताओं और भजनों में प्रकट होती है। उनकी रचनाएँ आज भी हमें भक्ति और संगीत की अद्वितीय ऊँचाइयों तक ले जा रही हैं।

कबीर दास के प्रमुख दोहे

चिंता ऐसी डाकिनी, काटि करेजवा लाय।
ओढ़ि बैठा कपाड़ा, बदले देना खाय।

रात गवाई सोय के, दिन गवाई खाय।
इस मनुष्य जीवन का, यही है सब कुछ खाय।

गुरु सत्य को बतावै, बुराई छुप निवार।
सत्य बोलने से होती, अपनों की बढ़िया बात।

बिना हथियार वर्धते, गृही तजे तिन कूद।
दान धर्म दया अपरम, पुन भिगोते मुख दूध।

बढ़ाई सो बढ़े नहीं, जो उच्चा चले देह।
क्या तुरक बराबर जो उपर देह चढ़े।

साईं इतना दीजिए, जामें कुटुम समाय।
मैं भी भूखा न रहूँ, साधू न भूखा जाय।

गुरू गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू आपने, गोविंद दियो मिलाय

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब।

जीवन किसी के पास दिया, किसी के पास लिया।
सभी का मालिक एक है, इसमें समझो बढ़ाय।

कबीर का जीवन परिचय pdf Download

कबीर दास की विशेषता उनकी कठिन जीवन यात्रा में है। उन्होंने अपने भजनों और दोहों के माध्यम से भगवानी प्रेम की महत्वपूर्णता को सिखाया। उनकी रचनाओं में उत्कृष्टता है, जो आज भी हमें आत्मनिर्भरता, न्याय, और सहयोग की ओर प्रेरित करती है।

कबीर दास के जीवन पर पूरी जानकारी समाहित करने वाले पीडीएफ फ़ाइल नीचे संलग्न की गई है।आप इसे आसानी से डाउनलोड कर सकते है ।

कबीर का जीवन परिचय pdf

कबीर के विचार और संदेश

कबीर का संदेश सामाजिक एकता, भ्रष्टाचार के खिलाफ और ज्ञान की महत्ता के प्रति था। उनके विचार और कविताएँ समाज में सुधार की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण हैं। उनकी कहानियाँ और दोहे लोगों को जागरूक करने के लिए संकेत करते हैं और उन्हें अच्छे कर्मों की ओर प्रेरित करते हैं।

कबीर दास की उपदेशों और उनके जीवन के संदेशों में छुपा ज्ञान आज भी हमारे समाज में जीवंत है। उनका संदेश हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति, निष्कलंक विश्वास, और समरसता से ही हम अपने जीवन को सजीव और संपूर्ण बना सकते हैं।

कबीर का जीवन परिचय pdf

कबीर और सामाजिक सुधार

कबीर सामाजिक अन्याय और जाति-धर्म के विरुद्ध थे। उनकी कविताएँ और उपदेश जाति-वाद के खिलाफ थे और वह सभी मानवता के समान अधिकार की प्रतिष्ठा की बात करते थे। उनका संदेश था कि ज्ञान, धर्म और सच्चाई की प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इसी से समाज में सुधार हो सकता है।

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