महाशिवरात्रि का महत्व हिन्दू पौराणिक कथाओं में विशेष रूप से प्रकट होता है। एक प्रमुख कथा के अनुसार, यह पर्व भगवान शिव और पार्वती माता की शादी के दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर देवों की सभा में पार्वती माता ने अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए तपस्या की थी और उनकी इच्छा थी कि वह भगवान शिव का पति बनें। उनकी इस तपस्या और प्रेम को देखकर भगवान शिव ने उनका विवाह स्वीकार किया। इस दिन के महत्व को ध्यान में रखते हुए ही लोग इसे मनाते हैं और भगवान शिव की अराधना करते हैं।

झुकता नही शिव भक्त किसी के आगे, वो काल भी क्या करेगा महाकाल के आगे।

जब ज़माना मुश्किल में दाल देता हैं, तब मेरे भोले हज़ारों रास्ते निकाल देता हैं ।


शिव को याद रखो मंजिल पाओंगे, शिव को भूल गये तो भटक जाओंगे..!!
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जो नहीं है मेरे पास वो Bhoले तेरा ख्वाब है, बस कुछ याद है आपकी वो Laजवाब है जय भोले, जय महाकाल
महाशिवरात्रि का अर्थ होता है ‘महादेव की रात’। यह पर्व फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव ने सृष्टि की रचना की थी और उनके भक्तों को अपने ध्यान में ले लिया था। महाशिवरात्रि के इस अवसर पर लोग जगह-जगह शिव मंदिरों में समुद्रों की भाँति उमड़ते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।
इश्क दी गली बीच कोई कोई पार हुआ है ! कई जन्म लगे सती को तब जाके… शिव को प्यार हुआ है !!
जैसे हनुमानजी के सीने में तुमको सियापति श्री राम मिलेंगे सीना चीर के देखो मेरा तुमको बाबा महाकाल मिलेंगे।


कोई मेरा बुरा करे वो कर्म उसका, मैं किसी का बुरा न करू यह धर्म मेरा..!!
हैसियत मेरी छोटी है पर, मन मेरा शिवाला है । करम तो मैं करता जाऊँ, क्योंकि साथ मेरे डमरूवाला है Har Har Mahadev


ना जीने की खुशी, ना मौत का गम, जब तक हैं दम, महादेव के भक्त रहेंगे हम ।
मेरे महाकाल तुम्हारे बिना मैं शून्य हूँ, तुम साथ हो महाकाल तो में अनंत हूँ..!!
जो समय की चाल हैं, अपने भक्तों की ढाल हैं, पल में बदल दे सृष्टि को, वो महाकाल हैं।
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भोले न जाने क्या जादू कर दिया है तूने मुझ पर अब डर दुनिया का नहीं तुझसे दूर जाने का लगता है।

हे शिवशंकर, हे भोलेनाथ, जीतेंगे हम हर बाजी, बस देना हरपल साथ ।
महाशिवरात्रि के दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार की अर्चना और प्रसाद चढ़ावा करते हैं। शिव मंदिरों में भगवान शिव की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराकर पूजा की जाती है। भक्त भगवान शिव के नाम का जाप करते हैं और उनकी महिमा गाते हैं।
मंदिर के बाहर खड़े भक्त से महाकाल कहते है, बेझिझक भीतर आइए, “पाप” करके आप थक गये होंगे ।

आग लगे उस जवानी को, ज़िसमे महाकाल नाम की दिवानगी न हो..!!
समाप्ति रूप में, महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान शिव की अराधना और पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान शिव की कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं। यह एक ऐसा पर्व है जो आत्मा की शुद्धि और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है और लोगों को ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रदान करता है।
