परिचय
हिंदू कैलेंडर में महीनों के नाम बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। हिंदू समाज में, कैलेंडर धार्मिक और सांस्कृतिक तिथियों के आधार पर चलता है और इसके महीनों के नाम इसकी परंपरा का हिस्सा हैं। इस लेख में, हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
विक्रम संवत्
हिंदू कैलेंडर में, विक्रम संवत् एक महत्वपूर्ण आधार है। यह संवत् हिंदू धर्म के सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर रखा गया है। विक्रम संवत् का आरंभ चैत्र मास में होता है और इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तिथियों पर मान्यता प्राप्त है।
शक संवत्
हिंदू कैलेंडर में, शक संवत् भी एक महत्वपूर्ण संख्या है। शक संवत् का आरंभ भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट द्वारा सुझाया गया था और यह हिंदू कैलेंडर में उपयोग होता है। शक संवत् का उपयोग प्राथमिकता से श्रीरंगम और उत्तर भारतीय राज्यों में किया जाता है।
हिंदू कैलेंडर के 12 महीने
इस भाग में हम हिंदू कैलेंडर के महीनों के नामों पर विचार करेंगे। हिंदू कैलेंडर में वर्ष के 12 महीने होते हैं, जिनके हर महीने का एक अपना नाम होता है। ये महीने धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के आधार पर चुने जाते हैं और इनके नाम धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं।
चैत्र:
चैत्र महीना वसंत ऋतु का आगमन सूचित करता है।
वैशाख:
वैशाख महीना विशेष त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है।
ज्येष्ठ:
ज्येष्ठ महीना गर्मी के दिनों को दर्शाता है।
आषाढ़:
आषाढ़ महीना वर्षा की शुरुआत के लिए महत्वपूर्ण है।
श्रावण:
श्रावण महीना भगवान शिव की विशेष पूजा के लिए प्रसिद्ध है।
भाद्रपद:
भाद्रपद महीना गणेश चतुर्थी के लिए जाना जाता है।
आश्विन:
आश्विन महीना दुर्गा पूजा का महीना है।
कार्तिक:
कार्तिक महीना दीपावली का महीना है।
मार्गशीर्ष:
मार्गशीर्ष महीना हिंदू धर्म में विशेष त्योहारों के लिए महत्वपूर्ण है।
पौष:
पौष महीना सूर्य के महत्व को दर्शाता है।
माघ:
माघ महीना कुम्भ मेला के लिए प्रसिद्ध है।
फाल्गुन:
फाल्गुन महीना होली का महीना है।
महीनों का महत्व
हिंदू कैलेंडर के महीनों का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन महीनों के नाम और उनके आयोजनों को सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए जाना जाता है। ये महीने धर्म, संस्कृति और जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रकट करते हैं और लोगों को उन्हें मनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
हिन्दू कैलेंडर की अनुसार ऋतुओं का वर्णन
हिन्दू कैलेंडर में पांच प्रमुख ऋतुएं होती हैं – वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, और हेमंत। हम अब इन ऋतुओं के बारे में थोड़ी विस्तृत जानकारी देंगे।
वसंत ऋतु
वसंत ऋतु हमारे जीवन में नयी जोश और उत्साह भर देती है। यह ऋतु फाल्गुन और चैत्र माह में आती है। वसंत ऋतु में प्रकृति खिल उठती है और फूलों की बहार होती है। यह एक सुंदर और सरस ऋतु होती है जब जनता में खुशी और उत्साह का माहौल बनता है।
ग्रीष्म ऋतु
ग्रीष्म ऋतु गर्मियों का समय होता है। यह ऋतु वैशाख और ज्येष्ठ माह में आती है। इस समय धूप की तापमान बहुत ऊँचा होता है और हमें बहुत गर्मी महसूस होती है। यह ऋतु जल की महत्ता और सब्जी की फसलों के उगने का समय होता है।
वर्षा ऋतु
वर्षा ऋतु की आगमन से हमें वातावरण में ठंडक मिलती है। यह ऋतु आषाढ़ और श्रावण माह में आती है। वर्षा ऋतु में बारिश होती है और पृथ्वी नई जीवन की ओर उत्साह से बढ़ती है। यह ऋतु किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यही उनकी फसलों के लिए पानी प्रदान करती है।
शरद ऋतु
शरद ऋतु बहुत सुंदर और मनमोहक होती है। यह ऋतु भाद्रपद और आश्विन माह में आती है। शरद ऋतु में मौसम मधुर और सुहावना होता है। इस समय में खुशियों का वातावरण बनता है और लोगों में उत्साह की भावना बढ़ती है।
हेमंत ऋतु
हेमंत ऋतु ठंडी और सुन्दर होती है। यह ऋतु कार्तिक और मार्गशीर्ष माह में आती है। हेमंत ऋतु में पतझड़ होता है और पेड़ों के पत्ते पिले हो जाते हैं। यह एक शांत और ठंडकपूर्ण ऋतु होती है जब लोग घरों में आराम करते हैं और आनंद लेते हैं।
हिन्दू कैलेंडर के हर महीने में कौन कौन से त्योहार मनाए जाते हैं
चैत्र माह के त्यौहार:
चैत्र माह का सबसे प्रसिद्ध त्योहार है होली। इसमें रंगों से खेलने और गाने-नाचने का उत्सव मनाया जाता है।
S.No | चैत्र माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | बसोड़ा, चैत्र पूर्णिमा |
2 | पापमोचिनी एकादशी |
3 | गुडी पड़वा (हिन्दू नववर्ष) |
4 | चैत्र नवरात्र, राम नवमी, हनुमान जयंती |
वैशाख माह के त्यौहार:
वैशाख माह में भारतीय नववर्ष मनाया जाता है, जिसे बैसाखी भी कहा जाता है। यह त्योहार आपसी भाईचारे का प्रतीक है और लोग गीत-नृत्य के साथ इसे मनाते हैं।
S.No | बैसाख माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | नेपाली, पंजाबी एवं बंगाली का नया वर्ष |
2 | बुद्ध पूर्णिमा |
3 | परशुराम जयंती |
4 | बैसाखी |
ज्येष्ठ माह के त्यौहार:
ज्येष्ठ माह में गंगा दशहरा मनाया जाता है, जब लोग गंगा माता की पूजा करते हैं और उनके तट पर स्नान करते हैं।
S.No | ज्येष्ठ माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | शनि जयंती |
2 | गंगा जयंती |
3 | निर्जला एकादशी |
4 | वट पूर्णिमा |
आषाढ़ माह के त्यौहार :
आषाढ़ माह में रथ यात्रा का आयोजन होता है, जिसमें भगवान जगन्नाथ के रथ को लोग खींचते हैं।
S.No | अषाढ़ माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | गुरु पूर्णिमा |
2 | देवशयनी एकादशी |
3 | वर्षा ऋतू |
4 | आषाढ़ी एकादशी |
श्रावण माह के त्यौहार:
श्रावण माह में कान्या पूजा और रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं।
S.No | श्रावण माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | रक्षाबंधन |
2 | नाग पंचमी |
3 | हरियाली तीज |
4 | श्रवण पूर्णिमा |
भाद्रपद माह के त्यौहार:
भाद्रपद माह में गणेश चतुर्थी मनाया जाता है, जब लोग भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उनके मूर्ति को स्थापित करते हैं।
S.No | भाद्रपद माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | गणेश चतुर्थी |
2 | आनंद चौदस |
3 | हरतालिका तीज, ऋषि पंचमी |
4 | पितृपक्ष |
आश्विन माह के त्यौहार:
आश्विन माह में दुर्गा पूजा और दशहरा मनाया जाता है, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और रावण दहन का आयोजन किया जाता है।
S.No | अश्विन माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | नवरात्री, दुर्गा पूजा |
2 | विजयदशमी |
3 | दीपावली, धनतेरस |
4 | काली पूजा |
कार्तिक माह के त्यौहार:
कार्तिक माह में दीपावली मनाई जाती है, जिसे लोग प्रकाश के उत्सव के रूप में मनाते हैं।
S.No | कार्तिक माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | गोवर्धन पूजा |
2 | भाई दूज |
3 | देवउठनी ग्यारस (तुलसी विवाह) |
4 | गुरु नानक जयंती |
मार्गशीर्ष माह के त्यौहार :
मार्गशीर्ष माह में व्रत और उपासना का महीना होता है, जिसमें लोग देवी और देवताओं की पूजा करते हैं।
S.No | मार्गशीर्ष माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | मोक्ष एकादशी (वैकुण्ठ एकादशी) |
2 | श्रीदत्त जयंती |
3 | शंख की पूजा |
4 | श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा |
पौष माह के त्यौहार:
पौष माह में मकर संक्रांति मनाई जाती है, जिसमें लोग सूर्य देवता की पूजा करते हैं और खीर की भोग चढ़ाते हैं।
S.No | पौष माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | मकर सक्रांति |
2 | लोहड़ी |
3 | सूर्य उपासना |
माघ माह के त्यौहार:
माघ माह में माघ स्नान और माघ मेला का आयोजन होता है, जहां लोग मौन व्रत रखते हैं और गंगा में स्नान करते हैं।
S.No | माघ माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | बसंत पंचमी |
2 | महाशिवरात्रि |
3 | माघ का मेला |
4 | कुंभ संक्रांति |
फाल्गुन माह के त्यौहार:
फाल्गुन माह में होली मनाई जाती है, जिसमें लोग रंगों से खेलते हैं और आपस में मिठाई बांटते हैं।
S.No | फागुन माह त्यौहार, पर्व, और उत्सव के नाम |
1 | होली |
2 | मौनी अमावस्या |
3 | वसंत ऋतू की शुरुआत |
4 | कालाष्टमी व्रत |
ये हैं कुछ प्रमुख त्योहार जो हिन्दू कैलेंडर के हर महीने में मनाए जाते हैं। इन त्योहारों को मनाकर हम अपनी संस्कृति को जीवंत रखते हैं और एक-दूसरे के साथ आपसी बंधन को मजबूती देते हैं
12 महीनों के नाम हिंदी और इंग्लिश में
नीचे हम आपको हिंदी माह के नाम और उसके सामने उस माह में आने वाले इंग्लिश महीने के नाम की जानकारी बता रहे हैं। वैसे तो आप सभी जानते हैं की इंग्लिश कैलेंडर में जनवरी से लेकर दिसंबर तक कुल 12 महीने होते हैं।
हिंदी में | अंग्रेजी में |
चैत्र (Caitra) | जनवरी |
बैसाख (Vaisakha) | फरवरी |
जयेष्ट (Jyaistha) | मार्च |
अषाढ़ (Asadha) | अप्रैल |
श्रावण (Sravana) | मई |
भाद्रपद (Bhadra) | जून |
अश्विन (Asvina) | जुलाई |
कार्तिक (Kartika) | अगस्त |
अगहन (Agrahayana) | सितम्बर |
पौष (Pausa) | अक्टूबर |
माघ (Magha) | नवम्बर |
फाल्गुन (Phalguna) | दिसंबर |
परिणाम
हिंदू कैलेंडर में महीनों के नाम एक महत्वपूर्ण अंग हैं जो हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा हैं। इन महीनों के आयोजनों को समझने और मनाने से हमारा जीवन धार्मिक, सांस्कृतिक और समृद्ध होता है। हमें इन महीनों के महत्व को समझना और उन्हें अपने जीवन में शामिल करने की आवश्यकता है।
हिंदू कैलेंडर : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
12 महीने में कौन कौन से त्योहार आते हैं?
12 महीनों में हिंदू कैलेंडर में कई त्योहार आते हैं, जैसे कि होली, दीवाली, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, नवरात्रि आदि।
हिंदी महीनों के नाम क्या है?
हिंदी महीनों के नाम हैं: चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन।
हिन्दू कैलेंडर में वर्ष 2023 क्या है?
हिन्दू कैलेंडर में वर्ष 2023 ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार है।
क्या हिंदू कैलेंडर में 13 महीने होते हैं?
नहीं, हिंदू कैलेंडर में केवल 12 महीने होते हैं।
2023 में हिंदू नया साल कब शुरू होगा?
2023 में हिंदू नया साल चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होगा।
हिंदू कैलेंडर में 2080 क्यों है?
हिंदू कैलेंडर में 2080 का संख्यात्मक महत्व है, इसके पीछे कोई विशेष कारण नहीं है।
हिंदुओं का कौन सा साल चल रहा है?
वर्तमान में हिंदू समयानुसार 2080 संवत चल रहा है।
नया साल 2080 क्या है?
हिंदुओं का वर्तमान साल ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार है।
हिंदू नव वर्ष कब से प्रारंभ?
हिंदू नव वर्ष चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होता है।
विक्रम संवत क्यों कहा जाता है?
विक्रम संवत को हिंदू कैलेंडर में अधिकतर प्रयुक्त किया जाता है, जो चंद्रमा के साथ संबंधित है।
2023 में कौन सा शक संवत चल रहा है?
2023 में विक्रम संवत 2080 चल रहा है।
2080 का राजा कौन है?
2080 का राजा भी कोई विशेष नहीं होता है, वर्षावधि का मापन संवत के माध्यम से किया जाता है।
विक्रम संवत और शक संवत में कितना अंतर है?
विक्रम संवत और शक संवत के बीच का अंतर 135 साल होता है।
अभी कौन सी शक संवत चल रही है?
वर्तमान में चालू शक संवत 2080 चल रही है।