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हनुमान चालीसा संकट मोचन | हनुमानाष्टक

हनुमानाष्टक, भक्ति और आध्यात्मिकता की गहरी भावनाओं का प्रतीक है। यह मंत्र भगवान हनुमान की महिमा को स्तुति करता है और उनके परम भक्तों को आशीर्वाद देता है। हनुमानाष्टक का अर्थ होता है “हनुमान के आठ नाम” और यह मंत्र हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है।

हनुमानाष्टक का महत्व

हनुमानाष्टक हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण भक्ति मंत्र है, जिसे भगवान हनुमान को समर्पित किया गया है। इस मंत्र का पाठ करने से भक्त हनुमान के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को दर्शाते हैं। यह मंत्र उनके चमत्कारिक गुणों की महिमा को गुणगान करता है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति का माध्यम बनता है।

संकट मोचन |हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥

अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥

रावण त्रास दई सिय को सब,
राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मारो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥

बान लग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तजे सुत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दई तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥

रावन युद्ध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥

बंधु समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
जाय सहाय भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥

काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होय हमारो ॥ ८ ॥

॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन,जय जय जय कपि सूर ॥

श्री हनुमान चालीसा

समापन

हनुमानाष्टक एक पूर्ण और अद्वितीय मंत्र है जो भगवान हनुमान की महिमा को स्तुति करता है और भक्तों को आशीर्वाद देता है। इस मंत्र का नियमित पाठ करने से आपका आध्यात्मिक विकास होता है और आप अपने जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।


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